शुरुआत में जब हम कोई भी काम शुरू करते हैं तो उसके लिए Super Motivate और Passionate होते हैं | परन्तु कुछ ही समय बाद जब हमे उस कार्य से अपने मन मुताबिक result नही मिल पाता है, तो हम demotivate होकर उस काम को छोड़ देते हैं और यकिन मानिए जिस समय हम उस काम से मुंह मोड़ते हैं वही सही समय होता है result आने का | आज की compound interest story इसी पहलू को उजागर करती है की आपके द्वारा लिए गए छोटे-छोटे कदम आखिर में कैसे एक बढ़ी उपलब्धि के रूप में उभरकर आपके सामने आते हैं |
आपमें से हर एक ने अल्बर्ट आइंस्टीन ( Albert Einstein ) का नाम तो सुना ही होगा | अल्बर्ट आइंस्टीन बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति थे | और उनका मानना था की compound interest दुनिया का आठवां अजूबा है | तथा ये आठवां अजूबा आपको आपकी life की सबसे बड़ी समस्या से निकलने में सहायता कर सकता है | जिसको एक कहानी के माध्यम से मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ -
एक बार वे शतरंज खेल रहे थे की एक साधु उनके दरबार में आए और बोले की राजन आज मै आपसे कुछ माँगना चाहता हूँ |
राजन मुस्कराए और बोले साधु बताइए आपको क्या चाहिए और आप क्या माँगना चाहते हैं ?
साधु ने कहा राजन मुझे कुछ ज्यादा नही बस कुछ अनाज के दाने चाहिए | इस पर राजा थोड़े से भड़क गए और बोले तोहिन आप मुझसे कुछ भी मांग सकते हैं | पर आप सिर्फ अनाज के कुछ दाने ही मांग रहे हैं आप ऐसा क्यों कर रहे हैं | आप कुछ भी ले सकते हैं |
साधु :- नही नही राजन मुझे और कुछ नही बस अनाज के कुछ दाने ही चाहिए |
राजा :- तो कितने दाने चाहिए आपको |
साधु :- आपका जो ये शतरंज का बोर्ड है इसके पहले square में एक दाना रख दीजिए और आगे आने वाले प्रत्येक square में उसका double करते जाइए |
मेरा मतलब है की कुल 64 square हैं आपके इस बोर्ड में तो पहले square में एक दाना , दुसरे square में उसका double यानि की 2 दाने और तीसरे में उसका double यानी की 4 दाने |
यह सुनकर राजा बोले की साधु आप ऐसा क्यों कर रहे हैं | आप मेरे पास आए हैं तो कुछ बड़ा मांगिये ये थोड़े से दाने तो आप किसी से भी ले सकते हैं |
इस पर साधु ने कहा राजन या तो आप मुझे अनाज के ये दाने दे दीजिये नही तो मै चला |
राजा :- क्षमा चाहता हूँ साधु और राजा ने अपने सिपाहियों को बुलाया और बोले की इस साधु को जितने दाने चाहिए उतने इनको देदो |
और राजा का हुक्म सुनकर सभी सिपाही चल पड़े और ठीक 5 minute के बाद सभी सिपाही दौड़ते हुए राजा के पास त्राहिमाम् त्राहिमाम करते हुए पहुंचे और बोले की राजन बहुत बड़ा अपराध हो गया |
राजा बोले क्या हुआ तो सिपाही बोले की राजन जितना अनाज वे मांग रहे हैं उतना अनाज तो आज तक धरती पर पैदा भी नही हुआ है |
राजा हडबडाए और बोले क्या ?
हाँ राजन जितना अनाज वे साधु मांग रहे हैं उतना अनाज तो आज तक पृथ्वी पर पैदा भी नही हुआ है |
राजा :- क्या बात कर रहे हो कितना मांग रहा है ?
सिपाही :- राजन जो दाना शतरंज के पहले square में एक था वो double होते होते 18,446,744,073,709,551,615 हो गया है | दोस्तों जितना अनाज वो साधु मांग रहा था उसका केवल एक चौथाई अनाज ही 10 माउंट एवरेस्ट को कवर कर सकता है |
इस प्रकार आप देख सकते हैं की शुरुआत में जो अनाज के दाने राजा को बहुत ही कम या न के बराबर प्रतीत हो रहे थे वे आखिर में कितने ज्यादा हो जाते हैं |
ठीक उसी प्रकार हमे किसी कार्य से शुरू में मिलने वाला result या लाभ दिखाई नही देता और हम demotivate होकर उसे छोड़ देते हैं | और इस बात को भूल जाते हैं की छोटे-छोटे लाभ मिलकर ही आख़िर में एक बड़ा फायदा पहुचाते हैं |
दोस्तों यही है असली Power of Compounding मतलब Compound interest की शक्ति | तो अगर आप भी अपने काम से मिलने वाले छोटे लाभ से परेशान हो चुके हैं या आप demotivate होकर अपने काम को छोड़ना चाहते हैं तो रुक जाइए और इस कहानी को समझिये और फिर से जुट जाइए आने वाला समय आपका ही होगा |
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आपमें से हर एक ने अल्बर्ट आइंस्टीन ( Albert Einstein ) का नाम तो सुना ही होगा | अल्बर्ट आइंस्टीन बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति थे | और उनका मानना था की compound interest दुनिया का आठवां अजूबा है | तथा ये आठवां अजूबा आपको आपकी life की सबसे बड़ी समस्या से निकलने में सहायता कर सकता है | जिसको एक कहानी के माध्यम से मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ -
Compound Interest Motivational Story in Hindi
किसी राज्य में एक राजा थे जो बहुत ही दयालु और कृप्यालू थे | अपने इसी स्वभाव के कारण वे बहुत ही विख्यात थे और दूर दूर से लोग अपनी समस्याएँ और जरूरत लेकर उनके पास आते थे | वे सबकी जरूरते पूरी करते थे |एक बार वे शतरंज खेल रहे थे की एक साधु उनके दरबार में आए और बोले की राजन आज मै आपसे कुछ माँगना चाहता हूँ |
राजन मुस्कराए और बोले साधु बताइए आपको क्या चाहिए और आप क्या माँगना चाहते हैं ?
साधु ने कहा राजन मुझे कुछ ज्यादा नही बस कुछ अनाज के दाने चाहिए | इस पर राजा थोड़े से भड़क गए और बोले तोहिन आप मुझसे कुछ भी मांग सकते हैं | पर आप सिर्फ अनाज के कुछ दाने ही मांग रहे हैं आप ऐसा क्यों कर रहे हैं | आप कुछ भी ले सकते हैं |
साधु :- नही नही राजन मुझे और कुछ नही बस अनाज के कुछ दाने ही चाहिए |
राजा :- तो कितने दाने चाहिए आपको |
साधु :- आपका जो ये शतरंज का बोर्ड है इसके पहले square में एक दाना रख दीजिए और आगे आने वाले प्रत्येक square में उसका double करते जाइए |
मेरा मतलब है की कुल 64 square हैं आपके इस बोर्ड में तो पहले square में एक दाना , दुसरे square में उसका double यानि की 2 दाने और तीसरे में उसका double यानी की 4 दाने |
यह सुनकर राजा बोले की साधु आप ऐसा क्यों कर रहे हैं | आप मेरे पास आए हैं तो कुछ बड़ा मांगिये ये थोड़े से दाने तो आप किसी से भी ले सकते हैं |
इस पर साधु ने कहा राजन या तो आप मुझे अनाज के ये दाने दे दीजिये नही तो मै चला |
राजा :- क्षमा चाहता हूँ साधु और राजा ने अपने सिपाहियों को बुलाया और बोले की इस साधु को जितने दाने चाहिए उतने इनको देदो |
और राजा का हुक्म सुनकर सभी सिपाही चल पड़े और ठीक 5 minute के बाद सभी सिपाही दौड़ते हुए राजा के पास त्राहिमाम् त्राहिमाम करते हुए पहुंचे और बोले की राजन बहुत बड़ा अपराध हो गया |
राजा बोले क्या हुआ तो सिपाही बोले की राजन जितना अनाज वे मांग रहे हैं उतना अनाज तो आज तक धरती पर पैदा भी नही हुआ है |
राजा हडबडाए और बोले क्या ?
हाँ राजन जितना अनाज वे साधु मांग रहे हैं उतना अनाज तो आज तक पृथ्वी पर पैदा भी नही हुआ है |
राजा :- क्या बात कर रहे हो कितना मांग रहा है ?
सिपाही :- राजन जो दाना शतरंज के पहले square में एक था वो double होते होते 18,446,744,073,709,551,615 हो गया है | दोस्तों जितना अनाज वो साधु मांग रहा था उसका केवल एक चौथाई अनाज ही 10 माउंट एवरेस्ट को कवर कर सकता है |
इस प्रकार आप देख सकते हैं की शुरुआत में जो अनाज के दाने राजा को बहुत ही कम या न के बराबर प्रतीत हो रहे थे वे आखिर में कितने ज्यादा हो जाते हैं |
ठीक उसी प्रकार हमे किसी कार्य से शुरू में मिलने वाला result या लाभ दिखाई नही देता और हम demotivate होकर उसे छोड़ देते हैं | और इस बात को भूल जाते हैं की छोटे-छोटे लाभ मिलकर ही आख़िर में एक बड़ा फायदा पहुचाते हैं |
दोस्तों यही है असली Power of Compounding मतलब Compound interest की शक्ति | तो अगर आप भी अपने काम से मिलने वाले छोटे लाभ से परेशान हो चुके हैं या आप demotivate होकर अपने काम को छोड़ना चाहते हैं तो रुक जाइए और इस कहानी को समझिये और फिर से जुट जाइए आने वाला समय आपका ही होगा |
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