Rahim ke Dohe in Hindi :- संत रहीम दास जी जिनको अब्दुर्रहीम खानखाना के नाम से भी जाना जाता था अपने दोहों की वजह से हिन्दी साहित्य की दुनिया में काफी लोकपिर्य रहें | यही कारण है की तुलसीदास जी के दोहों और कबीर के दोहों के बाद रहीम जी ही ऐसे संत हुए हैं जिनके दोहे आज भी लोगो की जुबान पर हैं |
रहीम जी के दोहे हमे कम शब्दों में बहुत कुछ सिखा जाते हैं | रहीम जी ने अपने दोहों में अच्छी संगति , सच्चाई और परोपकारी जीवन जीने पर बल दिया है तो चलिए बिना देर किए संत रहीम के दोहे अर्थ सहित पढ़ते हैं ----
दोहा 1 :-
रहीम जी के दोहे हमे कम शब्दों में बहुत कुछ सिखा जाते हैं | रहीम जी ने अपने दोहों में अच्छी संगति , सच्चाई और परोपकारी जीवन जीने पर बल दिया है तो चलिए बिना देर किए संत रहीम के दोहे अर्थ सहित पढ़ते हैं ----
Source - motivationbio.com |
Rahim Ke Dohe in Hindi - रहीम के दोहे अर्थ सहित
दोहा 1 :-
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय
टूटे से फिर ना जुड़े , जुड़े गाँठ पड़ जाए
दोहा 2 :-
पावस देखि रहीम मन, कोइल साधे मौन
अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछे कौन ||
कहने का तात्पर्य ये है की कई बार ऐसा समय आता है की गुणवान व्यक्ति को चुप रहना पड़ता है और दुष्ट लोगो की चारो तरफ वाह-वाही होती है |
दोहा 3 :-
मन मोटी अरु दूध रस, इनकी सहज सुभाय
फट जाये तो न मिले, कोटिन करो उपाय ||
दोहा 4 :-
रहिमन विपदा ही भली, जो थोरे दिन होय
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय ||
दोहा 5 :-
रहिमन वे नर मर चुके, जे कछु मांगन जाहि
उनते पहले वे मुए, जिनके मुख निकसत नाहि ||
तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको Rahim ke dohe in Hindi पसंद आए होंगे अगर आपको रहीम जी के और दोहे अर्थ सहित पढने हैं तो आप rahim ke dohe पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं |
और साथ ही निचे comment करके ये भी बताएं की आपको रहीम जी के ये dohe कैसे लगे | धन्यवाद !